TOP LATEST FIVE SIDH KUNJIKA URBAN NEWS

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शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।

इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

Swamiji claims, “A persuasive wish is something which helps make us get up and to here the fullest capacity assert ourselves into the furtherance of your intention. The real key will be to center on the mantras.”

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।

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